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दुनिया का खेला – भाषण

[16 अगस्त 2013 को साहित्य अकादमी में दिया अनुपम मिश्र का नेमिचंद स्मृति व्याख्यान] मैं उनसे कभी मिल नहीं पाया था। सभा गोष्ठियों में दूर से ही देखता था उन्हें। अपरिचय की एक दीवार थी। यह कोई ऊँची तो नहीं… Read More ›

तुम्हारी बहुत याद आती है पिकासो

“मैंने चौबिस साल की उम्र तक ईमानदारी से चित्र बनाए। उसके बाद मैं लोगों को बेवकूफ बनाता रहा।” – पाबलो पिकासो   ….. इंसटॉलेशन आर्ट पर एक लेख। ऊपर दिए चित्र पर क्लिक कर पीडीएफ देखें। …. ……….