Author Archives
Reporter, writer, editor. Born 1973 to Usha and Prabhash Joshi in Indore, MP. Studied English literature. Writes and edits for publications in Hindi and English on social and environmental matters, science, agriculture, sports, adventure and travel, technology and politics. Lives in Delhi. Travels often.
-
रतन-तलाई से गाद-मुक्ति का दिन
[कुमार गंधर्व जन्म शति – 8 अप्रैल – 1924-2024] [संपादित रूप में यह लेख इंदौर के दैनिक प्रभात किरण में 8 अप्रैल 2024 को छपा है] सोपान जोशी उम्र चौबीस की भी नहीं थी। जब वह युवक मालवा आया तब… Read More ›
-
कार्लोस अल्काराजः एक ताजी हवा ने उठाया बारह साल पुराना पत्थर
-
पी.वी.सतीश – ‘मिलेट मैन’ नहीं, स्वस्थ्य खेती करने वाली दलित महिलाओं के दूत
आखिर भारत का असली ‘मिलेट मैन’ है कौन? अगर सतीश इस सवाल को सुनते, तो हँसते! उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया इस तरह की सतही समझ और विज्ञापनी लेबल हटाने में। अपनी सूझ-बूझ का उपयोग उन्होंने साबुन-तेल या या सॉफ्टवेयर या आर्थिक विकास का सपना बेचने के बाजारू अभियानों में नहीं किया! अपना फलता-फूलता कैरियर 1980 के दशक में छोड़ के वे साधारण महिलाओं के खेती-बाड़ी के विवेक को समझने में जुट गये।
-
ये धुआँ-सा कहाँ से उठता है
… [यह लेख 3 सितंबर 2021 के ‘दैनिक हिन्दुस्तान‘ में संपादकीय पृष्ट पर प्रकाशित हुआ था।] … – सोपान जोशी दिल्ली के प्रसिद्ध कवि मीर ने एक बार पूछा था – “देख तो दिल के जाँ से उठता है, ये… Read More ›
-
आँसुओं से भीगा एक इक्कीस बरस पुराना रुमाल
-
गांधी-150, यानी अपनी अप्रासंगिकता का पड़ाव
[ यह लेख ‘सर्वोदय प्रेस सर्विस’ में 23 अगस्त 2020 को प्रकाशित किया था। ] सोपान जोशी अलबर्ट आइंस्टाइन ने जिसका उल्लेख किया था वह फसल आज सामने आ गयी है। सन् 1944 में महात्मा गांधी के जन्मदिन पर पिछली… Read More ›
-
विश्व जल दिवसः घूँट भर अंतरिक्ष और एक अनाथ दुविधा
[ इंदौर के दैनिक नईदुनिया में 22 मार्च 2020 को प्रकाशित ] – सोपान जोशी जल के बारे में सबसे जरूरी बात वह है जो हर साधारण हिंदुस्तानी जानता था और हर बढ़िया वैज्ञानिक भी जानता है – पानी बनाया… Read More ›
-
ऑस्ट्रेलियाः कोयले की कमाई और जंगल का बदला
[ यह लेख दैनिक हिन्दुस्तान के संपादकीय पन्ने पर 13 जनवरी 2020 के छपा है। ] —– ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग उन्हीं आर्थिक नीतियों का परिणाम है जो दुनिया जलवायु परिवर्तन की त्रासदी दे रही हैं —– –… Read More ›
-
Sports writing: Your own personal time machine